गोरखपुर, 27 अप्रैल । लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से सूर्यकुण्ड से गोरखनाथ मंदिर के पीछे लग्न पैलेस तक 04 किलोमीटर लम्बा बसियाडीह नाला को सीसी बनाने का कार्य शुरू है। हालांकि इस नाला निर्माण के कारण वर्तमान में सूर्यकुण्ड के लोगों को दुश्वारियां उठानी पड़ रही है, लेकिन मानसून आने से पहले इस नाला का निर्माण पूरा करने की कोशिशें तेज हैं। इस के निर्माण पूरा होने से गोरखनाथ मंदिर समेत लगभग 12 कॉलोनियों को जलभराव निजात मिल जाएगी।
सूर्यकुंड कॉलोनी के रेलवे क्रासिंग से सटे बी ब्लॉक में नाला निर्माण कार्य अभी गति पर है। 04 किलोमीटर लम्बे इस नाला के निर्माण जगह की उपलब्धता के अनुसार कहीं 03 मीटर तो कहीं दो मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है तो लग्न पैलेस के पास 0.9 मीटर चौड़ाई रखी गयी है।
यहां तक होगा निर्माण, इन्हें होगा फायदा
यह नाला सोनौली रोड, गोरखनाथ मंदिर के पीछे लग्न पैलेस, दशहरीबाग चौराहा, रसूलपुर चौराहा, रामलीला मैदान, अग्रहरि पुलिया, एसबीआई एटीम जक्शन होते हुए हाबर्टबांध के निकट बसियाडीह सैम्पवेल में पहुंच जाएगा। जिन काॅलोनियों को इससे फायदा होगा उनमें गोरखनाथ मंदिर परिसर, रसूलपुर, रसूलपुर भठ्ठा, ग्रीन सिटी, माधोपुर, सूर्यकुण्ड, सूर्य बिहार कॉलोनी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर, बसियाडीह काॅलोनी की बड़ी आबादी को नाला निर्माण के कारण जलभराव से राहत मिलेगी।
मिलेगी जलभराव से राहत
नाला निर्माण से भले ही लोगों को वर्तमान में दिक्कत हो रही है, लेकिन बारिश में होने वाले जलभराव से काफी राहत मिलेगी। पुराना नाला जर्जर हो गया था, ऐसे में यहां नाला निर्माण जरूरी था। काम पहले ही होना था लेकिन प्रोजेक्ट के री-डीजाइन के कारण वक्त थोड़ा बढ़ गया।
लोगों की है शिकायत
सूर्यकुण्ड बी ब्लाॅक निवासी जगदीश, मोहन आनंद, संजीव श्रीवास्तव, ओम प्रकाश, रमेश, दिव्यांशु आदि का कहना है कि नाला निर्माण से लाभ होगा, लेकिन अभी दुश्वारियां झेलनी पड़ रहीं हैं। काम में तेजी लाना चाहिए। लगभग 2000 मीटर तक कोड़ी गयी सड़क के किनारे नाले निर्माण की गति काफी धीमी है। घरों का पानी नाले में नहीं जा पा रहा है। नित्य कर्म व पानी से संबंधित कार्य प्रभावित हैं।
बोले एक्सईएन
इस सम्बन्ध में नगर निगम के एक्सईएन देवेंद्र यादव का कहना है कि नाले की अधिकतम चौड़ाई तीन मीटर और न्यूनतम डेढ़ मीटर है। जहां नाला ज्यादा चौड़ा है वहां नाले को दो भागों में बांटा गया है। हमारी कोशिश मानसून के पहले नाला निर्माण पूरा करने की है। ठेकेदार को भी निर्देशित किया गया है कि काम शीघ्रता से करें।