सावन माह के पहले दिन बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार देख श्रद्धालु आह्लादित

सावन माह के पहले दिन बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार देख श्रद्धालु आह्लादित

-मंदिर परिक्षेत्र में हर-हर महादेव की कालजयी गूंज, दरबार में श्रद्धालुओं की कतार

वाराणसी, 04 जुलाई । सावन माह के पहले दिन काशीपुराधिपति के दरबार में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। बाबा के स्वर्णिम दरबार में पावन ज्योर्तिलिंग का अद्भुत श्रृंगार देख शिवभक्त आह्लादित होते रहे। मंदिर परिक्षेत्र में बाबा के प्रति श्रद्धा और अनुराग का भाव चहुंओर दिखा। दरबार में हर-हर महादेव के कालजयी उद्घोष के बीच शिवभक्त कतारबद्ध शिवभक्त दर्शन पूजन के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा बेसब्री से करते रहे।

इसके पहले मंदिर के गर्भगृह में गुरुपूर्णिमा पर देर शाम सप्तऋषि आरती में बाबा श्री काशी विश्वनाथ का खास श्रृंगार किया गया। शाम को सप्तर्षि आरती के पूर्व बाबा विश्वनाथ की भव्य सजावट की गई। बाबा के गर्भ गृह में स्थापित चल रजत प्रतिमा और प्रतिमा का श्रृंगार किया गया।

धाम में बाबा की झांकी दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो गए। दरबार में बाबा के भक्तों को चारों द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है। अधिमास के चलते इस बार दो महीने के सावन माह में आठ सोमवार, चार एकादशी पर दर्शन पूजन का अवसर मिलेगा। ज्योर्तिविदों के अनुसार सावन के अधिमास की शुरुआत 18 जुलाई को होगी और यह 16 अगस्त तक रहेगा। इस बार 09 जुलाई, 11 ज़ुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई, 18 जुलाई, 23 जुलाई, 28 जुलाई, 29 जुलाई, 30 जुलाई को सर्वार्थसिद्ध योग में शिवभक्त दर्शन पूजन करेंगे।

पंचांग के अनुसार चंद्र वर्ष में 354 और सौर वर्ष में 365 दिन होते हैं। इन दोनों के बीच 11 दिनों का अंतर होता है। हर तीन साल के अंतराल पर पड़ने से यह अंतर 33 दिनों का हो जाता है। इसी प्रकार प्रत्येक तीसरे साल में 33 दिनों का अलग अतिरिक्त महीना बन जाता है जिसे अधिकमास कहा जाता है। इसी वजह से वर्ष 2023 में सावन दो महीने का है।