बलिया, 28 जून । समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे छोटे लोहिया स्व जनेश्वर मिश्र पर दिए बयान के बाद सोशल मीडिया पर आलोचना का जवाब सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने गुरू जनेश्वर मिश्र के अपमान की बात कभी सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा है कि उनका कर्ज भरा है। ऐसी घटिया बात सोच भी नहीं सकता।
गत 25 जून को बैरिया विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के सेक्टर प्रभारियों की एक बैठक में सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय के भाषण का एक अंश सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। जिसको लेकर स्व जनेश्वर मिश्र के परिवार के सदस्यों व सपा से जुड़े अन्य कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। दो दिन से सोशल मीडिया पर सपा के ही नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बाद सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने बयान जारी कर कहा कि सेक्टर प्रभारियों की बैठक में मेरे भाषण को तोड़ मरोड़ कर राजनीतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया में वही लोग प्रस्तुत कर रहे हैं, जिन्होंने स्व जनेश्वर मिश्र का इस्तेमाल उनके जीते जी किया और उनके जाने के बाद भी किया।
जनेश्वर मिश्र मेरे गुरू थे। मैं उनके अपमान की सोच नहीं सकता। दूसरा कोई उनका अपमान करे यह बर्दाश्त भी नहीं करूंगा। मैं जनेश्वर मिश्र के रास्ते पर चलते हुए गरीबों की सेवा करने व इलाज कराने और कभी कोई तकलीफ हो तो रिश्ते निभाने वाला आदमी हूं। उसी क्रम में भावुक होकर एक बात कही थी। उस बात को इस तरह घटिया तरीके से लिया जा सकता, यह मैं सोच भी नहीं सकता। श्री राय ने कहा कि सदियों में एक जनेश्वर मिश्र पैदा होते हैं। उनके चरणों में बैठकर मैंने राजनीति सीखी है। वे राजनीति के चलते-फिरते विश्वविद्यालय थे। उनके साथ मेरा क्या रिश्ता था, यह कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं बताएगा। वही बताएगा जो जनेश्वर मिश्र के साथ चौबीस घंटे रहे हैं। मेरे मन में जनेश्वर मिश्र के लिए वही श्रद्धा है जो अपने मां-बाप के लिए है। उन्हें दिए हुए वचन को मैं आजीवन निभाता रहूंगा। मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे गुरू जी (जनेश्वर मिश्र) की आत्मा को ठेस पहुंचे। एक राजीव राय क्या करोड़ों राजीव राय की हैसियत नहीं है कि गुरू जी पर कोई टीका टिप्पणी कर सके। कहा कि लोकसभा चुनाव आने वाला है। कुछ लोग टिकट के चक्कर में ऐसी बातें कर रहे हैं। मेरी अपील है कि अपनी राजनीति के चक्कर में गुरू जी का नाम न घसीटें। अपने राजनीतिक विरोधियों को नसीहत देते हुए राजीव राय ने कहा कि मुझसे दुश्मनी साधने के कोई और तरीका खोज लीजिए। जनेश्वर मिश्र का नाम इस तरह नहीं घसीटें। कहा कि जनेश्वर मिश्र जी के भाई तारकेश्वर मिश्र से मेरी बात हो गई है। यदि उन्हें कोई ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हो सकता हूं लेकिन जो अपनी राजनीति के लिए जनेश्वर मिश्र का नाम ले रहे हैं, उनसे अपील है कि कुछ तो मर्यादा रखिए।