वाराणसी : निर्जला एकादशी पर निराजल व्रत रह श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

वाराणसी : निर्जला एकादशी पर निराजल व्रत रह श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

वाराणसी, 31 मई । धर्म नगरी काशी में ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी पर बुधवार को हजारों श्रद्धालुओं ने निराजल व्रत रख पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर दान पुण्य के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीहरि का पूजन भी किया।

एकादशी पर अलसुबह से दोपहर तक गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु का आनाजाना लगा रहा। दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, पंचगंगा, केदारघाट,अहिल्याबाईघाट पर स्नान के लिए सर्वाधिक भीड़ जुटी रही। भोर से ही स्नान दान का क्रम शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों,ब्राम्हणों को भोजन करा कर उन्हें सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, छाता, स्वर्ण, जलपूरित कलश, चीनी आदि दान किया। गौरतलब हो कि निर्जला एकादशी का व्रत-स्नान करने से ही एक वर्ष की 26 एकादशी का फल प्राप्त हो जाता है।

सनातन धर्म में मान्यता है कि तिथि विशेष पर बगैर जल ग्रहण किए स्नान-दान-ध्यान से पूरे वर्ष परिवार पर किसी तरह का संकट नहीं आता है। एकादशी के दिन गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ व ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करने से प्राणी पापमुक्त-कर्जमुक्त होकर विष्णुजी की कृपा पाता है। शास्त्रों में इस दिन का पौराणिक और धार्मिक महत्व सभी एकादशियों में सबसे अधिक है। मान्यता है कि इस एकादशी के दिन निर्जला उपवास रखने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में सौभाग्य और धन वृद्धि करती हैं।