-केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और मुख्यमंत्री धामी ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
-यह विविधता में एकता का उत्सव है : मुख्यमंत्री धामी
देहरादून, 03 अक्टूबर । चार दिवसीय चौथे राष्ट्रीय एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) सांस्कृतिक, साहित्यिक और कला उत्सव- 2023 का मंगलवार शाम महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आगाज हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से आये छात्रों की उपस्थिति में यह उत्सव भारत की विविधता में सांस्कृतिक एकता का जश्न मनाने का उत्सव है।
इस मौके पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री सुबोध उनियाल, मेयर सुनील गामा ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें देश भर से 1500 सौ से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस दौरान बच्चों ने एक से बढ़कर एक कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन कर अतिथियों का मन मोह लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कहा कि सांस्कृतिक, साहित्यिक और कला उत्सव-2023 का उत्तराखंड में आयोजन होना गर्व का विषय है। कार्यक्रम में 22 राज्यों से के छात्र शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मुख्य रूप से भोटिया,थारू, जौनसारी,बुक्शा एवं राजी पांच जनजातियां निवास करती हैं। राज्य सरकार जनजातियों के आर्थिक व सामाजिक के साथ शिक्षा के विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर जनजातीयों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि,मेरे भी जीवन का एक लंबा कालखंड यानी बचपन थारु जनजाति समाज के साथ बीता है। सांस्कृतिक धरोहर नजदीक से देखने को मिला है। इनकी हार बात में ज्ञान तत्व होता है। ये समाज संस्कृति के सच्चे धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि यह एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परंपरा के तहत देश को जोड़ने का यह उत्सव काम करेगा। राष्ट्रीय उत्सव कार्यक्रम में विभिन्न कलाओं के माध्यम से प्रस्तुत कला एक दूसरे को आपस में जोड़ने का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि पंडित नैन सिंह रावत एक महान सर्वेयर के रूप में पहचान इसी देवभूमि से हुई है, जिन्होंने तिब्बत की यात्रा के दौरान अपने कदमों की नाप से दुनिया को बताया कि ल्हासा की समुद्र तल से ऊंचाई कितनी है। साथ ही दुनिया को तिब्बत के कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्यों से भी रूबरू कराया और तिब्बत के नक्शे को दुनिया के सामने रखा।
उन्होंने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में एक अतिरिक्त एकलव्य विद्यालय की स्थापना के लिए केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं उनके जीवन स्तर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इनका आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक उत्थान और सर्वांगीण विकास कर उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक में आयोजित ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के तीसरे संस्करण में, देवभूमि के जनजातीय छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताओं के बल पर उत्तराखंड राज्य समग्र श्रेणी में प्रथम स्थान पर रहा। उन्होंने इस उत्सव के चौथे संस्करण में देवभूमि के छात्रों को सभी श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन की भी शुभकामना दी।
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम जनजातीय छात्रों के विकास के लिए उपयोगी साबित होंगे। भारत सरकार देश भर के छात्रों को एक मंच प्रदान कर उनके प्रतिभा को निखारने का काम कर रही है। इस उत्सव में देश भर के छात्र शामिल हुए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) के तत्वावधान में सांस्कृतिक, साहित्यिक और कला उत्सव का समापन छह अक्टूबर को होगा। यह आयोजन एकलव्य विद्यालय संगठन समिति (ईवीएसएस), उत्तराखंड की मेजबानी कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि आदिवासियों को मुख्यधारा के साथ जोड़ने और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में विकास के समान अवसरों तक पहुंचने में मदद करने की आवश्यकता को समझते हुए मंत्रालय प्रति वर्ष ईएमआरएस सांस्कृतिक उत्सव और खेल प्रतियोगिता का आयोजन करता है। इससे आदिवासी छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जाता है। दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2018-19 में इस योजना को नया रूप दिया गया। केंद्रीय मंत्री बुधवार सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
इस मौके पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ,पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी,श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत,नवलजीत कपूर,संजय टोलिया सहित संबंधित अधिकारी गण मौजूद रहे।