देहरादून, 29 मार्च । स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यूकेएसएसएससी परीक्षा में एक और मुख्य अभियुक्त आरएमएस कम्पनी के सुपरवाइजर विपिन बिहारी की सम्पत्ति का आकलन किया गया है। पेपर लीक के अलावा वर्ष 2015-2016 में मुख्य भूमिका दारोगा भर्ती परीक्षा और वीडीओ परीक्षा में थी। विपिन बिहारी की एक करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति को जिलाधिकारी को जब्तीकरण के लिए कार्रवाई की रिपोर्ट प्रेषित की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने इस गिरोह के 24 सदस्यों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में विवेचना की जा रही है। इसमें अभियुक्तों की चल-अचल सम्पत्ति को भी गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत सीज करने की कार्रवाई भी की जा रही है। अभी तक इस गैंग के 07 सदस्यों हाकम सिंह, अंकित रमोला, चन्दन मनराल, जयजीत दास, मनोज जोशी, दीपक शर्मा और केन्द्रपाल की संपत्तियों का आंकलन कर जब्तीकरण की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी देहरादून को रिपोर्ट प्रेषित की गई थी। इनमें से अभियुक्त चंदन मनराल हाकम सिंह अंकित रमोला और जय जीत दास की संपत्ति कुर्क कर ली गई है जबकि अन्य के खिलाफ कार्रवाई प्रचलित है।
आयुष अग्रवाल ने बताया कि यूकेएसएसएससी की विभिन्न भर्ती परीक्षा में की गयी धांधली के अपराध में जिला कारागार सिद्धुवाला में निरुद्ध अभियुक्त बिपिन बिहारी इन परीक्षाओं को कराने वाली आरएमएस कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर तैनात था और विभिन्न परीक्षाओं में विपिन बिहारी ने प्रश्न पत्र लीक कराने में मुख्य भूमिका निभायी थी।
इसके अलावा वर्ष 2015-2016 की दारोगा भर्ती परीक्षा और वीडीओ परीक्षा में ओएमआर शीट में हेराफेरी करने में भी संलिप्तता पाई गई थी। विपिन बिहारी के अपनी परिजनों के नाम से लखनऊ सीतापुर हाइवे से लगी हुई 23 बीघा जमीन, जिसका बाजारी मूल्य करीब 65 लाख रुपये, एक 650 वर्ग फीट का लखनऊ शहर में एक प्लॉट और लगभग 04 लाख रुपये विभिन्न बैंकों में जमा किए जाना पाया गया। इनके संबंध में एसटीएफ ने विवेचना की गई तो बिपिन बिहारी और उसके परिजनों के आय के नाम मात्र स्रोत पाये गये हैं। उपरोक्त सम्पत्ति वर्ष 2015-2016 के पश्चात कमायी गयी है। बैंक में जमा धनराशि की जब्तीकरण के लिए एसटीएफ जिलाधिकारी को रिपोर्ट दे दी है।