देहरादून, 30 अप्रैल । उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को पहाड़ से मैदान तक सुना गया। स्कूली छात्रों और आम जनता में भी मन की बात सुनने को लेकर उत्साह नजर आया। राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां संस्करण एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसके हम सभी आज साक्षी बने हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का वचन समाज को प्रेरणा देने वाला होता है।
राजभवन के साथ प्रदेशभर के स्कूलों में प्रसारण की विशेष व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री नैनीताल में तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देश के प्रथम गांव माणा में प्रधानमंत्री की मन की बात को सुना। इसके साथ ही भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ मंत्री गण भी अपने अपने क्षेत्र के लोगों के साथ मन की बात के प्रसारण सुना। इस मौके पर अपने-अपने क्षेत्रों के विशेष गण्यमान्य लोगों को भी मन की बात कार्यक्रम सुनने के लिए आमंत्रित किया गया था।
इसके अलावा उत्तराखंड में प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। स्कूल,कॉलेज के छात्रों के सहित साथ आम लोगों और चारधाम यात्रा में आए श्रद्धालुओं ने प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम को सुना। राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी ने पहले की सभी स्कूलों को रविवार को प्रधानमंत्री की मन की बात सुनने को लेकर खोलने के आदेश जारी किये गये थे। यमुनोत्री धाम में आए श्रद्धालुओं ने खरशालीगांव स्थित मां यमुना मंदिर परिसर में मन की बात कार्यक्रम को सुनी।
राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां संस्करण एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसके हम सभी आज साक्षी बने हैं। यह एक ऐसा पर्व जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने रेडियो को नया जीवंत रूप दिया है। जब भी उत्तराखंड का जिक्र होता है तो हमें गर्व महसूस होता है। मन की बात कार्यक्रमों में उत्तराखंड के जिन लोगों का जिक्र किया गया है, वे सभी हमारे हीरोज, आइकन और ब्रांड एम्बेसडर हैं। वे सभी अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेंगे। कार्यक्रम के 100 एपिसोड में बेटियों के बारे में, मातृशक्ति बारे में और हिमालय के बारे में बात की गई है जो हमें गौरवान्वित करती है।
इस दौरान केन्द्रीय संचार ब्यूरो देहरादून की ओर से राजभवन प्रांगण में मन की बात और आजादी के अमृत महोत्सव जैसे विषयों पर प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसका शुभारंभ राज्यपाल ने किया। इसके उपरांत राज्यपाल और उपस्थित गण्यमान्य लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े विशिष्ट लोग भी मौजूद रहे।
डीएसए मैदान, मल्लीताल,नैनीताल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनने के बाद कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वचन समाज को प्रेरणा देने वाला होता है। उन्होंने आज तमाम भारतीयों के जीवन को बदलने का काम किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी समाज के अंतिम छोर पर काम कर रहे व्यक्ति का समाज के लिए किए जा अथक प्रयासों का जिक्र करते हैं, जो समाज के लिए प्रेरणादायी है। मन की बात से आज जन-जन जुड़ा हुआ है।
विधानसभा कोटद्वार के नगर निगम सभागार बूथ संख्या 68 में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता के साथ प्रधानमंत्री मन की बात को सुना। उन्होंने बताया कि गुमनाम नायकों की कहानी सुनकर मेरे साथ सुनने वाले लोग काफ़ी प्रेरित हुए। कोविड 19 महामारी का कठिन समय हो या देश के सामने कोई अन्य त्रासदी, प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा ऐसे समय में आशा की किरण दिखाई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देश के पहले गांव चमोली जिला स्थित माणा गांव में स्थानीय लोगों के साथ प्रधानमंत्री की मन की बात को सुना। भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय ने देहरादून स्थित बुद्धा टैम्पल (बूथ संख्या 94,धर्मपुर विधानसभा) में मन की बात कार्यक्रम को बौद्ध लामा, विद्यार्थियों और स्थानीय जनों के साथ सुना।
केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट अल्पसंख्यक वर्ग के साथ जसपुर में,अजय टम्टा बुनकर परिवारों के साथ दीनापानी अल्मोड़ा ग्रामीण में, तीरथ सिंह रावत कुंभीचौड़ कोटद्वार में, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ऋषिकुल ऑडिटोरियम हरिद्वार में संत समाज के साथ, माला राज्य लक्ष्मी शाह उत्तरकाशी हरसिल में जनजाति एवं सामान्य वर्ग के साथ, कल्पना सैनी गुरुकुल नारसन में सामान्य वर्ग के साथ, डॉ.कल्पना सैनी नारसन में सुना।
पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी सहसपुर शंकरपुर में, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी कोटद्वार में, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बालावाला में, महेंद्र पांडे राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी नैनीताल मंडल में नाविकों के साथ,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत लामाचौड़, मदन कौशिक हरकी पौड़ी और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट भीमताल में मन की बात को सुना।
मंत्री रेखा आर्या ने अल्मोड़ा के सोमेश्वर विधानसभा के मजखाली मंडल स्थित गढ़स्यारी बूथ पहुंच कर कार्यकर्ताओं संग प्रधानमंत्री की मन की बात को सुना। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री की मन की बात देश की आवाज बन चुकी है। पिछले 99 एपिसोड में स्वामी विवेकानंद से लेकर वीर सावरकर के त्याग और बलिदान की प्रेरक कहानियां, वैश्विक नेताओं से लेकर सुदूर हमारी सीमाओं की रक्षा में तैनात वीर सैनिकों तक से वार्तालाप,स्कूल के बच्चों से लेकर अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों के मन को छूने वाली बात सहित कई अन्य मुद्दे शामिल हैं।
इस मौके पर मंडल अध्यक्ष भूपाल सिंह परिहार ,पूर्व मंडल अध्यक्ष बिशन सिंह कनवाल सहित पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय जनता उपस्थित रही।
न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व सैनिकों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के मासिक कार्यक्रम मन की बात के 100वां संस्करण को सुना। मंत्री गणेश जोशी ने कहा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सैनिकों, किसानों, उद्यमियों, महिलाओं सहित सभी सेक्टर को जोड़ने का काम किया है। मंत्री ने कहा कि मन की बात में प्रधानमंत्री ने शिक्षा की बातों को हमेशा किया है। उत्तराखंड के स्टार्टअप और पिथौरागढ़ के बेडू का जिक्र भी किया है।
इस मौके पर केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, ब्रिगेडियर के.जी बहल,ब्रिगेडियर परितोष पंत, ब्रिगेडियर जे.एस बिष्ट, कर्नल रघुबीर भंडारी, कर्नल बीएम थापा, कैलाश पंत, कैप्टन बी.एस कुंवर, भाजपा मण्डल अध्यक्ष प्रदीप रावत सहित कई गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों की विभूतियों और चर्चित शख्सियतों में देहरादून से बसंती बिष्ट, प्रीतम भरतवाण, शहीद चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट, शहीद विभूति धौंडियाल के पारिवारिक सदस्य, ऋषिकेश जनपद में ध्यानचंद की टीम के खिलाड़ी जेपी रतूड़ी, शहीद कैप्टन अमित सेमवाल के पिता दाताराम सेमवाल, रुद्रपुर में ओलंपिक खिलाड़ी मनोज सरकार, पिथौरागढ़ में शौर्य चक्र विजेता शहीद महेंद्र भाटिया के भाई पुष्कर, दिव्यांग खिलाड़ी राजेश धामी शामिल हुए।
भाजपा प्रत्येक विधानसभा के न्यूनतम 100 बूथों पर न्यूनतम 100 की संख्या वाले इन कार्यक्रमों से समाज के सभी वर्गों पूर्व सैनिक, पूर्व कर्मचारी, संत समाज, गुज्जर समाज, बुनकर, बढ़ई और नाविक, जैसे अन्य कामगार समाज, निजी क्षेत्र के श्रमिक, जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अन्य सभी वर्गों के लोगों को जोड़ने की कोशिश की गई थी।