फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड पर दो ट्रेनों की मिली बोर्ड से मंजूरी

कुसहा त्रासदी के बाद पिछले 15 वर्षों से ट्रेनों के परिचालन की आस का बाट जोह रहे फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड और 89 वर्षों के बाद फारबिसगंज-दरभंगा रेलखंड पर शीघ्र ही दो एक्सप्रेस जोड़ी प्रतिदिन दौड़ेगी।

सीआरएस के इंस्पेक्शन में हरी झंडी मिलने के बावजूद ट्रेनों के परिचालन शुरू नहीं होने से सीमा क्षेत्र में लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था और आंदोलन का रूप लेता जा रहा था।इसी क्रम में पिछले दिनों अररिया,सुपौल,सहरसा,दरभंगा समेत कई जिलों के लोगों ने ट्वीटर पर ट्रेन का परिचालन शुरू करने को लेकर ट्रेंड चलाया था।जिसमे 22 हजार से अधिक लोगों ने ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री,रेलमंत्री,रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित जनप्रतिनिधियों से इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू करने की गुहार लगाई थी।

परिणाम स्वरूप रेलवे बोर्ड में ट्रेनों के परिचालन को लेकर फंसा प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।फिलहाल दो एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को रैली बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई है,लेकिन ट्रेन का परिचालन कब से शुरू होगा।इसकी तिथि तय नहीं की गई है।रेलवे मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की ओर से दानापुर-जोगबनी डेली एक्सप्रेस और जोगबनी-सहरसा डेली एक्सप्रेस ट्रेन को भाया ललितग्राम और फारबिसगंज होते हुए फिलहाल परिचालन के लिए मंजूरी मिली है।

कुसहा त्रासदी के बाद पिछले 15 वर्षों से ट्रेनों के परिचालन की आस का बाट जोह रहे फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड और 89 वर्षों के बाद फारबिसगंज-दरभंगा रेलखंड पर शीघ्र ही दो एक्सप्रेस जोड़ी प्रतिदिन दौड़ेगी।

सीआरएस के इंस्पेक्शन में हरी झंडी मिलने के बावजूद ट्रेनों के परिचालन शुरू नहीं होने से सीमा क्षेत्र में लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था और आंदोलन का रूप लेता जा रहा था।इसी क्रम में पिछले दिनों अररिया,सुपौल,सहरसा,दरभंगा समेत कई जिलों के लोगों ने ट्वीटर पर ट्रेन का परिचालन शुरू करने को लेकर ट्रेंड चलाया था।जिसमे 22 हजार से अधिक लोगों ने ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री,रेलमंत्री,रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित जनप्रतिनिधियों से इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू करने की गुहार लगाई थी।