बेगूसराय, 01 मार्च ।केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संस्कृति एवं पर्यटन विकास मंत्री जी किशन रेड्डी को धन्यवाद देते हुए बेगूसराय महोत्सव आयोजित कराने का अनुरोध किया है।
उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि देश भर में जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में संस्कृति मंत्रालय पूरे देश में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार के लिए सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन कराया जा रहा है। बेगूसराय बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक भूमि है। बिहार के मध्य भाग में यह भू-भाग मां गंगा के आंचल में बसा हुआ है। यहां की पुरातन सांस्कृतिक विरासत के प्रारंभ से लेकर अब तक सदियों से इस भू-भाग को मां गंगा ने अपनी अन्य सहायक नदियों यथा बूढ़ी गंडक एवं बागमती आदि के साथ सिंचा है।
बेगूसराय मिथिला संस्कृति क्षेत्र के तहत आता है, यहां जयमंगलागढ़ में 108 शक्ति पीठों में से एक माता जयमंगला का मंदिर है। मां जयमंगला को शास्त्रों में दुर्गा रूपिणी माना गया है तथा वेद व्यास ने देवी भागवत में 37 स्तुति श्लोकों में भगवती मां चंडी की अराधना की है। बेगूसराय में ही उत्तरायणी मां गंगा के उत्तरी तट पर सिमरिया घाट स्थित है, जहां हर साल कार्तिक मास में देश के विभिन्न हिस्सों से कल्पवास के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह एक मात्र स्थान है, जहां विशेष मान्यता के अनुरूप अर्द्ध-कुंभ मेले का आयोजन होता है।
बेगूसराय राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की भूमि है, जिनकी कविताओं में समाहित वीर रस ने पूरे देश को विशेषकर युवा पीढ़ी को एक नई दिशा प्रदान की। बेगूसराय में अवस्थित कांवर झील पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 75 रामसर स्थलों में से एक तथा बिहार का पहला रामसर स्थल है। यह एशिया का सबसे बड़ी गोखुर झील है तथा करीब 2620 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। बेगूसराय जिले की भूमि काफी उर्वर है, इस कारण यहां उगाई जाने वाली फसलों में काफी विविधता है। अनेक पौराणिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक कारणों से बेगूसराय बिहार के आर्थिक गतिविधियों का भी केन्द्र बिंदु रहा है।
यहां इंडियन ऑयल, नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, पेप्सी आदि की इकाई स्थापित एवं सफलतापूर्वक संचालित है। इससे जुड़े अनेक छोटे-बड़े उद्योग तथा व्यवसाय काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-31 बेगूसराय से होकर गुजरता है, रेलवे जंक्शन बरौनी से पूर्वोत्तर भारत को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाली सभी प्रमुख रेल गाडियां परिचालित होती हैं। देश के यातायात नेटवर्क मानचित्र में प्रमुख बेगूसराय को बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है। इसलिए बेगूसराय की पौराणिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए बेगूसराय महोत्सव का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष तथा अमृत काल के प्रथम वर्ष के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय के स्तर से होनी चाहिए।
भाजपा नेता-सह-सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा आजादी के अमृत काल में बेगूसराय महोत्सव के माध्यम से जिले के पौराणिक, सांस्कृतिक धरोहरों के साथ-साथ औद्योगिक समृद्धि को राष्ट्रीय फलक स्थापित होगा। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन विकास विभाग द्वारा जल्द ही इस संबंध में दिशा निर्देश एवं तिथि जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। महोत्सव से बेगूसराय के जयमंगला गढ़, काबर झील, सिमरिया एवं अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का विकास किया जाएगा। गिरिराज सिंह की इच्छा है कि बेगूसराय को रामायण एवं सीता सर्किट में शामिल किया जाए।