सहरसा,12 सितंबर । शहर के देव रिसोर्ट में मंगलवार को बुद्धिजीवियों की एक आवश्यक बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता पंकज कुमार सिंह ने की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सवर्णों को भी सरकारी लाभ मिले इसके लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सवर्ण आयोग का गठन हो।इसके लिए आगामी 25 सितंबर को एक प्रमंडलीय स्तर पर बैठक रखी गई है।जिसमें आंदोलन की रूप रेखा तैयार की जाएगी।
प्रवीण आनंद ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े हुए गरीब सवर्णों के उत्थान के लिए सरकार को आगे आने की जरूरत है। इससे समाज में असमानता और असंतोष की भावना उपज रही है।46% सवर्ण कृषि पर निर्भर है। इसके बाद भी जमीन बिक रही है। 55% सवर्णों के पास एक एकड़ जमीन भी नहीं बची है।33.4% सवर्ण आबादी के पास कृषि योग्य कोई भूमि नहीं है।20% सवर्ण आबादी के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है।19.9% सवर्ण आबादी कच्चा मकान और झोपड़ी में रहने को मजबूर है।36% सवर्ण गरीबी रेखा से नीचे है । ये बीपीएल कार्ड के हकदार हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में 90% युवाओं के पास ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं है।ग्रामीण क्षेत्र के 49% सवर्ण के बच्चे गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दिया है।16% बच्चे घर पर काम में व्यस्त रहने के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं। 9.6% बच्चों के अभिभावकों का मानना है कि पढ़ाई जरूरी नहीं है।बिहार में 43.5% सवर्ण पलायन को मजबूर हैं।बिहार में 65.6% नौकरी के लिए घर छोड़ने को मजबूर है।