अब अनाथ बेटी की शादी में मदद कर टीम साईं की रसोई ने किया कमाल

बेगूसराय, 14 जुलाई । उत्साही युवाओं की टोली टीम साईं की रसोई के द्वारा किया जाने वाला कार्य अब बेगूसराय से बाहर भी अपना परचम लहरा रही है। इस टीम द्वारा ना केवल बेगूसराय सदर अस्पताल के समीप जरूरतमंदों को मात्र पांच रुपये में भरपेट भोजन कराया जा रहा है। बल्कि, समाज हित की नई कहानी गढ़ी जा रही है।

इस बार टीम साईं की रसोई एक ऐसे जरूरतमंद परिवार की बेटी की शादी के लिए आगे आई, जिसके सर माता-पिता का साया बहुत पहले उठ चुका है। ऐसे में बेटी की शादी समाज का दायित्व और जिम्मेदारी बन जाती है। बेगूसराय के बाहर पूसा (समस्तीपुर) के ऐसे परिवार की जानकारी जब वहां के स्थानीय जय प्रकाश एवं रवि रौशन कुमार के द्वारा मिली।

तब इनके संबंध में पता करके रसोई टीम के सदस्यों ने लड़की की शादी के लिए आगे आकर अपने जिम्मेदारी और कर्तव्यों का निर्वहन किया। रसोई टीम के सदस्य सिंघौल निवासी कुन्दन गुप्ता ने अपने धर्मपत्नी रिपु गुप्ता के साथ जाकर उक्त जरूरतमंद परिवार के लड़की की शादी के लिए सामग्री और आर्थिक राशि से मदद किया। बीते रात जब शादी संपन्न हो गई तो इन लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं है।

इसमें टीम साईं की रसोई द्वारा साड़ी, पंखा, आयरन, मिक्सर, बर्तन सेट, श्रृंगार की सारी सामग्री, अटैची, श्रृंगार बॉक्स, सोने का नाक वाला, दो जोड़ा बिछिया, मिठाई और आर्थिक राशि से मदद किया गया। इस कार्य में मुख्य रूप से रसोई टीम सदस्य प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार, मेजर किशन गुप्ता, सिंघौल निवासी कुन्दन गुप्ता, रिपु गुप्ता एवं अभिषेक कुमार का सराहनीय सहयोग रहा।

रसोई टीम सदस्य सिंघौल निवासी कुन्दन गुप्ता एवं रिपु गुप्ता ने बताया कि बेटी की शादी के लिए हर माता-पिता का सपना होता है कि अच्छे से हो। लेकिन जब जरूरतमंद गरीब परिवार के बेटी की शादी की बात आती है तो वे लोग सीमित संसाधन में बेटी की शादी का निर्वहन करने में असक्षम हो जाते हैं। कई जगह मदद की गुहार लगाते हैं।

ऐसे में इस तरह के जरूरतमंद परिवार के बेटी की शादी के लिए समाज के लोगों को आगे आना चाहिए। टीम साईं की रसोई का यह प्रयास शुरू से रहा है। पूसा निवासी जय प्रकाश एवं रवि रौशन ने कहा कि टीम साईं की रसोई के द्वारा जरूरतमंद परिवार की बेटी की शादी में सदैव मदद किया जाता रहा है। इस बार टीम ने बेगूसराय से काफी दूर समस्तीपुर जिले में आकर जिस तरह से मदद किया, वह काबिले तारीफ है। ऐसी संस्थाओं से समाज के लोगों को सीख लेने की जरूरत है।