दिल्ली में गूंजेगी पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की आवाज, जंतर मंतर पर धरना और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग दिल्ली रवाना

दिल्ली में गूंजेगी पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की आवाज, जंतर मंतर पर धरना और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग दिल्ली रवाना

पूर्णिया,18 मार्च ।पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को लेकर जारी जन आंदोलन की आवाज अब दिल्ली में सुनाई देगी। एयरपोर्ट निर्माण को लेकर आगामी 19 मार्च को जंतर मंतर पर होने वाली एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और संसद मार्च के लिए सैकड़ों लोग सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए है। हवाई अड्डा निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली के लिए कूच करने से पहले पूर्णिया जंक्शन पर मौजूद युवाओं को पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने विदाई दी।

मसला सीमांचल और कोसी के करोड़ों की आबादी से जुड़ा है, लिहाजा पूर्णिया, अररिया,कटिहार, किशनगंज ,सुपौल ,सहरसा और दरभंगा से धरना प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे युवाओं को फूलों की माला पहनाकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस खास मौके पर उन्हें विदाई देने पूर्णिया एयरपोर्ट संघर्ष समिति के सदस्यों के अलावा बड़ी तादाद में स्थानीय मौजूद रहे। सफर और आंदोलन के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो इसे लेकर पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने खाद्य सामग्री और फल भेंट किया। साथ ही किसी भी प्रकार की दिक्कत महसूस होने पर अविलंब संपर्क करने को कहा। साथ ही सफलता हासिल कर पूर्णिया लौटने की शुभकामनाएं दी।

एयरपोर्ट एक्टिविस्ट ने बताया कि आगामी 19 मार्च को पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाले एक दिवसीय धरना और संसद मार्च में 250 लोग शामिल होंगे। सीमांचल , कोसी और दरभंगा के युवा इसे सफल बनाने के लिए आज सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हो रहे हैं। वहीं पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य दिलीप कुमार दीपक व गौतम वर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच पूर्णिया एयरपोर्ट का मसला लंबे समय से अधर में अटका है। आंदोलन के जरिए सीमांचल की ये आवाज अब दिल्ली में बैठे हुक्मरानों तक पहुंचेगी।

पूर्णिया एयरपोर्ट सयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य पंकज नायक और नंदकिशोर सिंह ने कहा कि पूर्णिया एयरपोर्ट का मुद्दा किसी एक व्यक्ति या किसी एक समुदाय से जुड़ा हुआ नहीं है। इस मुद्दे से सीमांचल और कोसी के करोड़ों की आबादी जुड़ी है। ऐसे में लंबे समय से जिस आवाज को दबाया जाता रहा है, किसी भी कीमत पर सीमांचल और कोसी को उनका हक पूर्णिया एयरपोर्ट मिलना चाहिए।