पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, चंपारण में बारिश का येलो अलर्ट, उत्तर बिहार की नदियां उफनाईं

पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, चंपारण में बारिश का येलो अलर्ट, उत्तर बिहार की नदियां उफनाईं

पटना, 26 अगस्त । उत्तर बिहार में मानसून पूरी तरह सक्रिय है। पटना में शनिवार की सुबह से ही लगातार तीसरे दिन भी बारिश हो रही है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, सारण, पश्चिम चंपारण सहित दरभंगा, मधुबनी और शिवहर के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

दूसरी तरफ लगातार बीते चार दिन से उत्तर बिहार और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश की वजह से कोसी, बागमती, गंडक सहित कमला नदी उफान पर हैं। लगातार कोसी और गंडक बैराजों से पानी का डिस्चार्ज जारी है। कोसी बैराज ने बीते 13 अगस्त को अपने सभी 56 गेट खोल दिए थे। फिर राहत के बाद बीती रात को सभी फाटक को दुबारा खोला गया है।

शुक्रवार की रात 10 बजे से 12 बजे तक कोसी बैराज से लगातार 4 लाख 14 हजार 160 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ है। इस बीच प्रशासन द्वारा कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच निचले इलाके में बसे लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। संबंधित अधिकारी और कर्मियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

सदर एसडीएम मनीष कुमार शाम से ही यहां देर रात तक कैंप करते दिखे। इसके अलावा मौके पर पुलिस बल की भी तैनाती की गई है। अधिकारियों की मुख्य चिंता इस बात को लेकर है कि यदि कटाव में स्पर बह गया तो नदी का दबाव तटबंध पर बढ़ जाएगा। लिहाजा रात के समय अंधेरा होने के बावजूद जेनरेटर की रोशनी में कटाव निरोधी कार्य जारी है।

बागमती नदी का पानी शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, माधोपुर, पिपराही प्रखंड के अदौरी, बराही जगदीश, कटैया, तरियानी प्रखंड के तरियानी छपरा, गुलरिया व मोतनाजे समेत दर्जनों गांवों के निचले इलाकों में फैलने लगा है। बेलवा, नरकटिया व दोस्तिया गांव में लगातार पानी प्रवेश कर रहा है। अब तक पांच हजार हेक्टेयर में लगी धान की फसल पानी में डूब चुकी है।

इसके अलावा केला और सब्जी की फसल भी पानी की गिरफ्त में है। बागमती में आए उफान के चलते मोतनाजे और गुलरिया गांव के बीच लोग नाव से परिचालन कर रहे हैं जबकि शिवहर-ढाका एसएच और तरियानी-बेलसंड पथ पर पांच फीट पानी के तेज बहाव के चलते आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। बागमती नदी मुजफ्फरपुर जिले के बेनीवाद में और दरभंगा जिले के हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इन दोनों जिलों के निचले इलाकों में पानी भर गया है और फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।