धमतरी : गंगरेल बांध में पिछले साल से 12 टीएमसी कम पानी

धमतरी : गंगरेल बांध में पिछले साल से 12 टीएमसी कम पानी

धमतरी, 21 अक्टूबर । पिछले साल की तुलना में इस साल गंगरेल बांध में 12 टीएमसी पानी कम है। वर्तमान में सिर्फ 17 टीएमसी जलभराव है, जिसे भी दो गेटों से लगातार बहाया जा रहा है। इससे गंगरेल बांध में तेजी से पानी कम होने लगा है। जबकि पिछले साल अक्टूबर की स्थिति में गंगरेल बांध में 29 टीएमसी से अधिक जलभराव था और बांध लबालब भरा हुआ था। इस साल अभी से बांध सूखने जैसा दिखाई दे रहा है।

कांकेर जिले में कम बारिश से जीवनदायिनी गंगरेल बांध की स्थिति इस साल ठीक नहीं है। 18 अक्टूबर 2023 की स्थिति में बांध में सिर्फ 17 टीएमसी जलभराव है, जो बहुत ही कम है। इसके बावजूद गंगरेल बांध के दो गेटों से लगातार 4094 क्यूसेक पानी बहाया जा रहा है, ऐसे में बांध की स्थिति चिंताजनक है। बांध किनारे पूरी तरह से सूख चुका है। बांध की यह स्थिति मार्च व अप्रैल माह में रहता है, जो वर्तमान है। पिछले साल गंगरेल बांध में 18 अक्टूबर 2022 को 29.398 टीएमसी जलभराव था, जो पर्याप्त था। बांध लबालब भरा हुआ था, लेकिन इस साल पिछले साल की तुलना में 12 टीएमसी जलभराव कम है, ऐसे में स्थिति चिंताजनक है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सोंढूर से पानी दुधावा बांध में लाया गया, जहां से गंगरेल में करीब ढाई से तीन टीएमसी पानी भरा गया था, तब जाकर यह स्थिति गंगरेल बांध की हुई थी, लेकिन वर्तमान में लगातार पानी छोड़ने से बांध की सेहत अब बूरी तरह से बिगड़ने लगा है। बांध में जलभराव को देखते हुए रबी सीजन में किसी भी स्थिति में किसानों को रबी सीजन में धान फसल लेने के लिए सिंचाई पानी देना संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अच्छी वर्षा से गंगरेल बांध में 29.398 टीएमसी जलभराव था। जिसमें 24 टीएमसी से अधिक पानी उपयोगी जल था। वर्षा थमने के बाद भी गंगरेल बांध में कैचमेंट एरिया से 4968 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी, लेकिन इस साल आवक पूरी तरह से बंद है। इसी तरह मुरूमसिल्ली बांध में साढ़े पांच टीएमसी जलभराव था। दुधावा बांध में करीब 10 टीएमसी और सोंढूर बांध में छह टीएमसी से अधिक जलभराव था, लेकिन इस साल इन बांधों की भी स्थिति ठीक नहीं है।