मंडी, 02 सितंबर | आर्य समाज मंदिर मंडी में श्रावणी महोत्सव का आयोजन 30 अगस्त से तीन सिंतंबर तक किया जा रहा है। इस दौरान हर रोज हवन यज्ञ, भजन एवं प्रवचन का अयोजन किया जा रहा है। आर्य समाज संस्था मंडी के पुरोहित वेद मित्र शर्मा ने बताया कि हर वर्ष की तरह आर्य समाज मंडी का श्रावण पर्व 30 अगस्त से 3 सितंबर तक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हवन यज्ञ के माध्यम से 30 अगस्त को श्रावण मास का शुभारंभ हुआ। हवन यज्ञ प्रात: 7.30 बजे से 9.30 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें आचार्य संजय तथा पंडित उपेंद्र द्वारा अपनी वाणी के माध्यम से भजनों व प्रवचनों से उपस्थित श्रोतागणों को निहाल किया।
शनिवार को भी आर्य समाज मंदिर में हवन यज्ञ और प्रवचन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य संजय ने कहा कि हमें यज्ञ के महत्व को समझने की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ का उद्देश्य केवल मात्र अग्रि में आहूति चढ़ाना ही नहीं है। बल्कि अग्रि को माध्यम बनाकर अपनी आहूति देवताओं तक पहुंचाना यज्ञ का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि मंत्र शक्ति से कई सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है।
प्राचीनकाल में ऋषि-मुनि मंत्रों से मनचाही सिद्धियों को प्राप्त कर लेते थे। रामायण काल में मेघनाद भी यज्ञ करने बैठ गया था अगर उसका यज्ञ सफल हो जाता तो उसे मारना मुश्किल हो जाता । इसलिए रामचंद्र जी द्वारा उसके यज्ञ में विघन्न डाला गया और उसे मार दिया गया।
उन्होंने कहा कि अलग-अलग देवताओं के अलग-अलग मंत्र हैं। जिन्के माध्यम से उन्हें प्रसन्न किया जाता है। इस अवसर पर पङ्क्षडत उपेंद्र द्वारा सुरीले भजनों की रंसगंगा बहाई गई। वेद मित्र शर्मा ने बताया कि इस श्रावणी पर्व का समापन रविवार 3 सितंबर को होगा। रविवार प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूर्णाहूति के साथ सपन्न होगा। उन्होंने कहा कि श्रावण पर्व के दौरान आचार्य संजय द्वारा लोगों को अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज में उनके क्या कर्तव्य है, के बारे में जागरूक किया जा रहा है।