नई दिल्ली, 5 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित रेड हाउस में शुक्रवार को त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से भेंट की। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें खेल, संस्कृति, कूटनीतिक प्रशिक्षण, भारतीय फार्माकोपिया तथा वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय में हिंदी व भारतीय अध्ययन पीठ की पुनः स्थापना शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल की छठी पीढ़ी तक ओसीआई कार्ड सुविधा विस्तार, 2000 लैपटॉप उपहार, 800 दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग शिविर, एनएएमडेवको को दस लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य के कृषि यंत्र सौंपने की घोषणा की। हील इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में त्रिनिदाद के लोगों को विशेष चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही 20 डायलिसिस यूनिट और दो समुद्री एंबुलेंस उपहार स्वरूप दी जाएंगी। त्रिनिदाद के विदेश मंत्रालय भवन की सौर ऊर्जा प्रणाली हेतु रूफटॉप सोलर पैनल भी प्रदान किए जाएंगे।
महात्मा गांधी सांस्कृतिक सहयोग संस्थान में गीता महोत्सव और कैरेबियाई पंडितों को भारत में प्रशिक्षण देने की भी घोषणा हुई। वहीं त्रिनिदाद और टोबैगो ने भारत की वैश्विक पहलोंडिज़ास्टर रेज़िलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर गठबंधन (सीडीआरआई) और ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (जीबीए) में सम्मिलित होने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को उनके दोबारा पदभार संभालने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके गर्मजोशीपूर्ण स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया।
दोनों नेताओं ने कृषि, स्वास्थ्य, डिजिटल परिवर्तन, यूपीआई, संस्कृति, खेल और जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री बिसेसर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। दोनों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया और जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन तथा साइबर सुरक्षा जैसी समकालीन चुनौतियों से मिलकर निपटने का आह्वान किया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के प्रति त्रिनिदाद और टोबैगो के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आभार जताया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करने की प्रतिबद्धता दोहराई और ग्लोबल साउथ व भारत-सीएआरआईकॉम साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री बिसेसर को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। वे इस मंच को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ा। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की ओर से विशेष शुभकामनाएं दीं और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए त्रिनिदाद की जनता का आभार प्रकट किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को रेखांकित करते हुए कहा कि विविधता को अपनाने की यही शक्ति भारतीय लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए भारत में संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की जानकारी दी और बताया कि देश में 15 लाख महिलाएं स्थानीय शासन में नेतृत्व कर रही हैं।
उन्होंने आतंकवाद, वैश्विक चुनौतियों और वैश्विक दक्षिण के अधिकारों की बात करते हुए भारत-सीएआरआईकॉम सहयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान हेतु बधाई दी और उन्हें भारत आने का आमंत्रण दिया। वहीं राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमता की सराहना की। दोनों नेताओं ने गहरे जन आधारित संबंधों और वैश्विक दक्षिण सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी 3 से 4 जुलाई तक त्रिनिदाद और टोबैगो की राजकीय यात्रा पर रहे। वर्ष 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। प्रधानमंत्री अब यात्रा समाप्त कर आगे अर्जेंटीना यात्रा पर हैं।