जम्मू के वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में यह लोग आ गए। कई लोग घायल भी हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुआरी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल जुटे हुए हैं और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन कटरा शहर से पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग बीच में हुआ।
मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं। हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन पुराने रास्ते पर अपराह्न 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही, जब अधिकारियों ने बारिश के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया।
कई रिश्तेदार अपने प्रियजनों की सूचना प्राप्त करने के लिए कटरा स्थित अस्पताल और वैष्णो देवी आधार शिविर में जमा हुए। कुछ घायलों को जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर दूर कटरा के नारायण अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
जम्मू के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कटरा और उसके आसपास बचाव और राहत कार्यों में सेना की तीन टुकड़ी तुरंत तैनात कर दी गईं।
लगातार भारी बारिश ने न केवल जम्मू में बल्कि कश्मीर घाटी में भी तबाही मचाई। बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, पुल ढह गए और मोबाइल टावर और बिजली के खंभे टहनियों की तरह टूट गए। अचानक बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनजर वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के बड़े हिस्से में दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं, जिससे लाखों लोगों का संचार संपर्क टूट गया और समस्याएं बढ़ गईं।
बारिश की तबाही का यह दिन किश्तवाड़ जिले के चिसोती में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के कुछ दिनों बाद आया है, जो मचैल माता मंदिर के रास्ते में आने वाला आखिरी गांव है। चिसोती में 14 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में 65 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर तीर्थयात्री थे जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए थे। कई लोग अब भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने एक आपात बैठक की अध्यक्षता की और जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया।
अब्दुल्ला ने एक्स पर पोस्ट किया, आपातकालीन बहाली कार्यों और अन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उपायुक्तों को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
अब्दुल्ला ने प्रशासन को प्रभावित परिवारों को समय पर भोजन, पानी और दवा जैसी ज़रूरी चीज़ें उपलब्ध कराने और कमजोर समूहों को राहत मुहैया कराने को प्राथमिकता देने का भी आदेश दिया।