भोपाल, 2 अगस्त । भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर डॉ. बाला सरस्वती के आत्महत्या करने के मामले में डॉ. अरुणा कुमार को एचओडी पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह विभाग की ही डॉ. भारती सिंह परिहार को प्रभारी एचओडी बनाया है। इसकी पुष्टि गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन दफ्तर से जुड़े सीनियर डॉक्टर ने की है। इससे पहले, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय और अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया से कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स की मांगों के संबंध में बैठक की थी।
दरअसल, जीएमसी में बुधवार को दोपहर दो बजे कॉलेज काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें काउंसिल सदस्यों ने डॉ. बाला सरस्वती के आत्महत्या मामले के बाद शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर और एचओडी डॉ. अरुणा कुमार से इस्तीफा मांगा, लेकिन डॉ. कुमार ने काउंसिल के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं पद से इस्तीफा नहीं दूंगी।
बुधवार दोपहर जीएमसी डीन डॉ. अरविंद राय की मौजूदगी में कॉलेज काउंसिल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलाया गया। बैठक में जिस वक्त जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एचओडी समेत दूसरे प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और कंसल्टेंट की प्रताड़ना की शिकायत कर रहे थे। उसी समय, कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की दो डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर्स को बुलाकर, हड़ताल खत्म करने के लिए धमका रही थीं। विभाग के ही डॉक्टर्स के इस रवैए से खफा होकर हड़ताल कर रहे करीब 50 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स ने डीन दफ्तर पहुंचकर डीन डॉ. अरविंद राय को शिकायत की। जूनियर डॉक्टर्स, डॉ. राय को शिकायत करते-करते रो दिए। इन्हें बाद में कॉलेज की सीनियर प्रोफेसर डॉ. कविता कुमार ने उनकी समस्याओं का समाधान का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया।
इससे पहले बुधवार को सुबह भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठ गए थे। वे जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती के सुसाइड केस में जांच की मांग कर रहे हैं। दरअसल, जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने रविवार की रात एनेस्थीसिया इंजेक्शन का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के उनके कमरे से एक सुसाइट नोट मिला था, जिसमें उन्होंने डिपार्टमेंट की ही कुछ डॉक्टर्स पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे।