मुख्यमंत्री चौहान ने अहिल्याबाई होलकर को जयंती और पूर्व सीएम सकलेचा को पुण्यतिथि पर किया नमन

मुख्यमंत्री चौहान ने अहिल्याबाई होलकर को जयंती और पूर्व सीएम सकलेचा को पुण्यतिथि पर किया नमन

भोपाल, 31 मई । आज बुधवार (31 मई) को श्रद्धेय देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें नमन किया है। इसके साथ ही उन्होंने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सकलेचा को पुण्यतिथि पर स्मरण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी है।

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर लोकमाता अहिल्याबाई हाेलकर को जयंती पर नमन करते हुए लिखा भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने वाली लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ। लोक कल्याण हेतु तत्पर राजमाता ने भारतीय चिंतन के मूल चरित्र को सशक्त किया। मध्यप्रदेश की धरती धन्य है जो उनके चरण यहाँ पड़े।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महारानी अहिल्याबाई को नमन करते हुए कहा लोकसेवा एवं नारी सशक्तिकरण के लिए आजीवन समर्पित त्याग, न्याय और धर्म की प्रतिमूर्ति, अमर वीरांगना महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती पर सादर नमन।

एक अन्य ट्वीट कर मुख्यमंत्री चौहान ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री स्व वीरेन्द्र कुमार सकलेचा को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा जनसेवा और लोक कल्याण के संकल्प के प्रति समर्पित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरेंद्र कुमार सखलेचा जी की पुण्यतिथि पर नमन करता हूँ। स्वर्णिम मध्यप्रदेश की उदात्त भावना के उन्नयन-उत्कर्ष हेतु आपकी उत्कृष्ट सेवाएं सदैव स्मरणीय रहेंगी।

गृहमंत्री डॉ मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कर्मठ प्रशासक एवं भाजपा के लोकप्रिय जननेता रहे श्रद्धेय वीरेंद्र कुमार सकलेचा जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।

आज बुधवार (31 मई) को श्रद्धेय देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें नमन किया है। इसके साथ ही उन्होंने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सकलेचा को पुण्यतिथि पर स्मरण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी है।

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर लोकमाता अहिल्याबाई हाेलकर को जयंती पर नमन करते हुए लिखा भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने वाली लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ। लोक कल्याण हेतु तत्पर राजमाता ने भारतीय चिंतन के मूल चरित्र को सशक्त किया। मध्यप्रदेश की धरती धन्य है जो उनके चरण यहाँ पड़े।