- जवानों के बदौलत हम सुरक्षित, देश का सिर ऊंचा
-वेटरन का सियाचिन में भी आयोजन होगा तो जरूर जाऊंगा : रक्षा मंत्री
-उत्तराखंड के जवानों का हौसला सबसे ऊंचा है, शौर्य स्थल का किया उद्घाटन
-दिसंबर तक सैन्य धाम का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा : मुख्यमंत्री
देहरादून, 15 जनवरी । रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे जवानों का अनुशासन भीष्म पितामह की तरह है। भारतीय सेना अनुशासन और दृढ़ प्रतिज्ञा का पर्याय है। सशस्त्र बलों के जवानों के साहस और बलिदान के कारण हमारे नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं और अपना सिर ऊंचा करके चलते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद मेरी प्राथमिकता रही है।
शनिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यहां शहीद जसवंत सिंह मैदान में हुई वेटरन रैली में बतौर मुख्य अतिथि ये बातें कहीं। इस दौरान रक्षा मंत्री ने सॉल ऑफ स्टील अल्पाइन चैलेंज अभियान की भी शुरुआत की। इससे पूर्व उन्होंने गढ़ी कैंट चीड़ बाग स्थिति शौर्य स्थल का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने शौर्य स्थल पर उत्तराखंड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को पुष्प चक्र अर्पित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री सिंह ने वेटरन की भीष्म पितामह से तुलना करते हुए कहा कि समाज के लिए संकल्पित पूर्व सैनिक बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। उत्तराखंड के वीरों की देश को जब-जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने अपना योगदान बढ़ चढ़ कर दिया है। कारगिल युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने में उत्तराखंड के जवानों ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्र की वेदी पर जब आहुतियां पड़ने लगीं, तो क्या देहरादून, क्या पिथौरागढ़, क्या उत्तरकाशी, क्या उधम सिंह नगर, यानी समस्त उत्तराखंड के जवान अपनी जान हथेली पर लेकर खड़े हो गए थे।
उत्तराखंड के जवानों का जोश और साहस सबसे ऊंचा है-राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे उत्तराखंड के जवानों का जोश और उनका साहस सबसे ऊंचा है। इनके सामने बड़ी ऊंची से ऊंची चीजें भी बौनी पड़ जाती हैं। इस देश को जब-जब भी जरूरत पड़ी है तो उत्तराखंड के जांबाज बहादुरों ने अपने अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की। उनके बलिदान व त्याग को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वीर चंद सिंह गढ़वाली के अलावा अन्य वीरों की बहादुरी की गाथा सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों के हौसलाें ने हमेशा दुश्मनों को चित किया है। दुश्मन के पास पहले अधिक हथियार होते थे लेकिन हमारे जवान के विश्वास के सामने वो हमेशा चित हुए। आज भारत का कद ऊंचा हुआ है। आज भारत बोलता है तो सारी दुनिया आंख खोलकर सुनती है। आज भारत की शक्ति को बखूबी दुनिया देख रही है। हमारे बहादुर जवान देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हर संकट से उबार सकते हैं। देश में विभिन्न क्षेत्र के लोग राष्ट्र कार्य में योगदान दे रहे हैं।
भगवान राम, कृष्ण, देवी दुर्गा भी वेटरन हैं : रक्षा मंत्री
उन्होंने कहा कि भगवान राम, कृष्ण, देवी दुर्गा भी वेटरन हैं। वे साहस और शौर्य दिखाकर ही पूजनीय बने। राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना के कारण ही सीमाएं सुरक्षित हैं। वेटरन डे पूर्व सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व सम्मान का उत्सव है। पूर्व सैनिक संत के समान हैं। एक संत समाज की उन्नति और समाज का हित चाहता है। इस कसौटी पर पूर्व सैनिक खरे उतरते हैं। उनके लिए जो भी किया जाए, वह कम है। यह सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक राष्ट्र की रक्षा के साथ-साथ अन्य सेवा कार्यों को भी महत्वपूर्ण और प्रभावी ढंग से निभाते हैं। उन्होंने कहा कि कई जन्मों के अच्छे कार्य के बाद जवान बनने का मौका मिलता है। इनको आदर के साथ यानी देवी दुर्गा की तरह देखना है। बहादुर सैनिकों ने देश की अखंडता-संप्रभुता औऱ हमारे स्वाभिमान को बचा रखा है। वह परिवार, समाज बहुत भाग्यशाली होता है जो सैनिक को पाता है।
जवानों के साथ रहने पर मिलता है संतोष : रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने कहा कि जवानों के साथ रहने पर संतोष मिलता है। आज का वॉरियर कल का वेटरन्स है। सरकार की जिम्मेदारी है, इनकी हितों पर काम करें। अगर कोई समस्या है, तो उस पर काम किया जाएगा। यह महीना भीष्म पितामह से जुड़ा है। उनके अनुशासन की तरह सेनाएं भी सख्त अनुशासन के साथ काम करती हैं। उत्तराखंड अपने यहां के साथ जरूरत पड़ने पर अन्य देशों को खाद्यान्न देता है। राष्ट्रीय सुरक्षा को चाक चौबंद रखने में देश की ऊंचाई की बड़ी भूमिका है। सभी को त्योहारों की शुभकामनाएं देता हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा, जब मेरे यहां आने की रूपरेखा बन रही थी तो मुझसे पूछा गया कि देहरादून में भूतपूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम का किया जा रहा है और वहां पर काफी ठंड हैं। तो मैंने कहा, ठंड से मुझे डराया क्यों जा रहा है? मैं गृहमंत्री रहते हुए माइनस 14 डिग्री तापमान में रात को रुक चुका हूं तो फिर देहरादून में आने से मुझे किस प्रकार का भय होना चाहिए। मुझे सर्दी की कोई चिंता नहीं रहती। जहां भी वेटरन्स कार्यक्रम होगा, वहां मैं जरूर पहुंचुगा। उन्होंने बताया कि वेटरन्स कार्यक्रम में पहली बार जयपुर गया था। वेटरन का सियाचिन में भी कोई आयोजन होगा तो जरूर जाऊंगा।
सैनिकों की शिकायतों के निवारण के लिए पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल-
केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों को प्रदान की जा रही पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उनके द्वारा किए गए बलिदान और प्रतिबद्धता के प्रति देश के सम्मान का एक छोटा सा प्रतीक है। पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। लोग पोर्टल के जरिए सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान कर सकते हैं। उन्होंने इसे पूर्व सैनिकों के कल्याणकारी प्रयासों से नागरिकों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र सेना के सेवारत कर्मियों को उनके समर्पण और वीरता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
शौर्य स्थल में योगदान देने वाले का आभार-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शौर्य स्थल में योगदान देने वालों का आभार व्यक्त किया। खासकर पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय की पहल की प्रशंसा की।
हमारे जवानों का लोहा पूरा विश्व मानता है : मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सम्मान है कि केंद्रीय रक्षामंत्री ने चीड़ बाग स्थित इस शौर्य स्थल को लोकार्पित करने का कार्य किया है। उन्होंने उत्तराखंड के जवानों और उनके शौर्य की भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों का लोहा पूरा विश्व मानता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मेरा बचपन सैनिकों के बीच बीता है। उन्होंने बताया कि एक वक्त था, जब विषम परिस्थितियों में अपनी सेवा दे रहे सैनिकों को पर्याप्त साजो सामान भी नहीं मिलता था। आज सेना को अच्छा साजो सामान मिल रहा है। सेना में एक उच्च पदेन अफसर का सिपाही के साथ भी बहुत अच्छा और घनिष्ठ संबंध का भाव मन को विभोर कर देता है। ये मार्मिक पक्ष हमारी सेना की पहचान है। दिसंबर तक सैन्य धाम का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
केंद्रीय रक्षामंत्री ने चमोली जनपद के नीती गांव के लिए 460 किलोमीटर लंबी कार रैली रोड़ टू द एंड को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके उपरान्त रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य ने परिसर में उपस्थित पूर्व सैनिकों के पास जाकर उनके मुलाकात की और उनके साथ जलपान किया।
इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, टिहरी गढ़वाल के सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उत्तर भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू, उत्तराखंड सब एरिया, मेजर जनरल संजीव खत्री, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर जनरल मोहन लाल असवाल (सेवानिवृत्त), सहित अन्य गण्यमान्य एवं पूर्व सैनिक एवं उनके परिजन व सैनिक शामिल थे।