प्रयागराज, 12 अप्रैल । देश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। बढ़ते खतरे को देखते हुए कोरोना होने से पहले हम संभल जायें। प्रतिरोधक क्षमता कम होने से खतरा बढ़ सकता है। इसलिए हमें अपनी इम्यूनिटी मजबूत करने के सभी उपाय करना चाहिए।
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने एवं स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने आए हुए लोगों से कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस नाक-मुंह के रास्ते गले में इंफेक्शन की ज्यादा सम्भावना होती है। कोरोना के वायरस अन्य संक्रमण की तुलना में तेजी से शरीर में फैलता है। इसमें सूखी खांसी लेकिन कुछ लोगों को कफ (गाढ़ा बलगम) खांसी हो सकती है। ऐसे में गुनगुने पानी से गरारा करने और गंगाजल में एक चुटकी सेंधा नमक डालकर नोजल-ड्राप बनाकर नाक में डालने से लाभ होगा।
सतीश राय ने बताया कि किसी भी वायरस से बचने या बीमारी ठीक करने की दो विधियां उपयोग में लाई जाती हैं। पहली, केमिकल एनर्जी अर्थात दवा का सेवन कर ठीक कर सकते हैं और दूसरी, यूनिवर्सल एनर्जी अर्थात प्राणशक्ति ऊर्जा द्वारा। उन्होंने कहा स्पर्श चिकित्सा एक अध्यात्मिक ईश्वरीय प्राण ऊर्जा शक्ति है इसमें व्यक्ति ब्रह्मांडीय प्राण ऊर्जा का आह्वान कर अपने चक्रों को संतुलित कर सकता है।
स्पर्श चिकित्सा पद्धति में शारीरिक अंगों को छूकर अथवा बगैर छुए विभिन्न रोगों का उपचार सफलतापूर्वक होता है। पुराणों और धार्मिक कथाओं में प्राणशक्ति द्वारा उपचार में स्पर्श चिकित्सा का उल्लेख मिलता है। स्पर्श चिकित्सा के उपयोग के माध्यम से अपने आभामंडल के आसपास उच्च ऊर्जा का औरा (प्रभामंडल ) बना ले तो यह कवच का कार्य करेगा और वायरस अटैक से हमारी सुरक्षा होगी।
--शरीर और मन दोनों प्राण शक्ति पर निर्भर
सतीश राय ने बताया कि शरीर और मन दोनों प्राणशक्ति पर निर्भर है। शरीर के जिस भाग में प्राण शक्ति की कमी हो जाती है वहां पर विभिन्न रोग व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं। शरीर के अस्वस्थ एवं अविकसित कोषों को प्राणशक्ति ही नवजीवन देती है। ऐसे में स्पर्श चिकित्सा पद्धति में प्राणशक्ति ब्रह्मांड से हमारे सहस्त्रार चक्र में आती है। आज्ञा चक्र, कंठ चक्र, हृदय चक्र से होते हुए हमारे दोनों हाथों की हथेलियों से बाहर निकलती है। शरीर के जिस भाग में प्राणशक्ति की कमी होती है वहां दोनों हाथों को रखकर प्राणशक्ति की कमी को पूरा कर दिया जाता है और रोग ठीक हो जाता है।