चेचक से बदरंग हुआ फर्रुखाबाद का आलू, बाहर की मंडियों में नहीं हो रही मांग

चेचक से बदरंग हुआ फर्रुखाबाद का आलू, बाहर की मंडियों में नहीं हो रही मांग

फर्रुखाबाद,17 फरवरी । उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में सर्वाधिक आलू पैदा किया जाता है। इस बार जहां आलू के भाव औंधे मुंह गिरे हैं, वही आलू में चेचक रोग लग जाने से किसान परेशान नजर आ रहा है। हालात यह है कि 90 फीसदी आलू चेचक रोग से ग्रसित हो गया है। ऐसी हालत में बाहर की मंडियों में फर्रुखाबाद के आलू की मांग कम हो गई है।

आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सर्वाधिक आलू चेचक से पीड़ित मंडी समिति सातनपुर में आया है। जिसकी लिवाली ना के बराबर है। चेचक लगे आलू को व्यापारी किसी भाव में नहीं खरीद रहा है। आलू ना तो खाने योग्य है और न बेचने योग्य रहा है।

प्रगतिशील किसान नारद सिंह का कहना है कि चेचक लगने से आलू का स्वरूप बदल जाता है। चेचक ट्रैक्टर के पहियों के द्वारा एक से दूसरे खेतों में फैलती है और इसके बाद वह आलू को बजरंग कर देता है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में फर्रुखाबाद मैं 42000 हेक्टेयर भूमि पर आलू बोया गया था। जिसमें अगैती फसल से लेकर अब तक खोदे गए आलू में चेचक निकल रहा है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। मंडी समिति में सही आलू के भी दाम माटी के मोल हो गए हैं। इस समय 300 से 400 रुपये प्रति कुंतल छटा आलू बिक रहा है। जिससे किसानों की लागत नहीं निकल रही है। हालांकि शीतगृहों में आलू का भंडारण शुरू हो गया है फिर भी आलू के भाव में उछाल नहीं आ रहा है, जिससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है। अन्नदाता के लागत के पैसे नहीं निकल रहे हैं।