कानपुर,05 फरवरी। रामचरितमानस पर दिये गए बयान के बाद से लगातार सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध जारी है। इसी कड़ी में जनपद कानपुर में रविवार को अखिल भारतीय मठ मंदिर समिति के नेतृत्व में विरोध करते हुए स्वामी प्रसाद का पुतला फूंका गया। संतों ने मौर्य को कलयुग का रावण कहा।
संतों ने घंटाघर स्थित भारत माता की मूर्ति के नीचे प्रदर्शन किया। सिद्धनाथ मंदिर के महंत चैतन्य अरुण महाराज (बाल योगी) ने कहा कि रामचरितमानस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। उस पर की गई टिप्पणी बेहद अशोभनीय है। ये हिंदुओं और संतों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं, संतों ने रावण की तरह स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला बनाकर फूंका। पुतले पर रावण की तरह मौर्य के भी 10 सिर बनाए गए थे।
संतों के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस बल का पुख्ता इन्तजाम था। प्रदर्शन के दौरान संतों ने लोगों को घर-घर रामायण, हर घर में रामायण रखने का संकल्प भी दिलाया। संतों ने कहा कि लोग घरों में प्रतिदिन रामायण और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों को पाठ करें और अपने बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी दें।
पनकी धाम मंदिर के महंत जितेंद्र दास ने कहा कि हम सभी संत मिलकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर ये मांग करेंगे कि स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा से बाहर किया जाए। संत समाज रामचरितमानस का अपमान नहीं सहेगा। धर्मगुरुओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की भी मांग उठाई।