तीनों सेनाओं के सबसे बड़े द्विवार्षिक अभ्यास 'एम्फेक्स' में परखी गईं युद्धक तैयारियां

तीनों सेनाओं के सबसे बड़े द्विवार्षिक अभ्यास 'एम्फेक्स' में परखी गईं युद्धक तैयारियां

- सेनाओं ने उच्च स्तर की तैयारियों और उत्कृष्ट समन्वय का प्रदर्शन किया

- जमीन, आकाश और जल से सैन्य बलों की लैंडिंग के ऑपरेशन किये गए

नई दिल्ली, 22 जनवरी । तीनों सेनाओं का सबसे बड़ा द्विवार्षिक अभ्यास एम्फेक्स रविवार को ख़त्म हो गया। आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के पास पांच दिनों तक चले अभ्यास के दौरान किए गए संयुक्त अभियानों में भारतीय सेना से बड़ी संख्या में सैनिकों, भारतीय नौसेना के उभयचर युद्धपोतों और भारतीय वायु सेना के विमानों ने भाग लिया। अभ्यास के सभी क्षेत्रों में जटिल गतिविधियां शामिल थीं, जिन्होंने तीनों सेवाओं के बीच उच्च स्तर की तैयारियों और उत्कृष्ट समन्वय का प्रदर्शन और सत्यापन किया।

इस अभ्यास का पिछला संस्करण 2021 की जनवरी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हुआ था। इस बार आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के पास सेना के तीनों अंगों ने 17-22 जनवरी तक संयुक्त युद्धाभ्यास एम्फेक्स-23 किया। इस अभ्यास में तीनों तरह के युद्ध सैनिक, नौसेना के जहाज और वायु सेना के लड़ाकू एवं अन्य विमान शामिल हुए। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अपने क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं का सत्यापन करना था। इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच परिचालन तालमेल और संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल था।

इस अभ्यास में उभयचर लड़ाकू युद्धपोतों, निगरानी प्लेटफार्मों, समुद्र में हवाई हमले तथा जटिल युद्धाभ्यास के बहुआयामी समुद्री ऑपेरशन भी शामिल किये गए। अभ्यास के दौरान हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज का प्रवेश, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, ज़मीन, आकाश और जल से सैन्य बलों की लैंडिंग एवं इसके बाद किए जाने वाले अनुवर्ती ऑपरेशन भी शामिल किये गए। नौसेना की गोलाबारी का समर्थन, बलों की उभयचर लैंडिंग और फॉलो-ऑन ऑपरेशन भी अभ्यास का हिस्सा बने। संयुक्त बल ने बहु-डोमेन, उच्च-तीव्रता वाले आक्रामक और रक्षात्मक युद्धाभ्यास किए।