कानपुर के सात किसान बन चुके हैं खेत तालाब योजना के लाभार्थी

कानपुर, 29 मार्च । केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से संचालित की जा रही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वर्षा जल संचयन के लिए खेत को तालाब बनाने के लिए कानपुर के सात किसान गत वित्तीय वर्ष में लाभार्थी बन चुके हैं। इन किसानों ने जल संरक्षण के साथ ही उसमें अपना व्यवसाय भी शुरू किया और उनकी आमदनी में भी प्रगति हो रही है। यह जानकारी भूमि संरक्षण अधिकारी आर.पी.कुशवाहा ने दी। उन्होंने बताया कि इसका लाभ लेने के लिए किसानों का चयन एवं पंजीकरण ऑनलाइन आवेदन से होता है। किसान पारदर्शी सेवा योजना पोर्टल पर इसका पंजीकरण होता है।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल नौ किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसमें से सात किसान इसके लिए पात्र पाए गए। जिसमें छह किसानों का तालाब बनकर तैयार हो चुका है उसमें जल संरक्षण भी शुरू कर दिया गया। हालांकि एक किसान का तालाब कुछ कमी होने की वजह से निर्धारित समय पर नहीं तैयार हो सका। हालांकि वह भी बनकर तैयार हो जाएगा। जल संरक्षण के साथ किसान अपना निजी व्यवसाय कर रहे हैं।

जल संरक्षण य जल संचयन में सहयोग करने वाले किसानों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उनके पास सरकार योजना आते ही जल शक्ति विभाग के अधिकारी जाकर मिलते ही बताते है कि तालाब में मछली पालन और जलीय कृषि करके लाभ कमा सकते है, उन्हें कितना अनुदान मिलेगा।

कानपुर के घाटमपुर ब्लाक में पांच किसान खेत तालाब योजना पाएं है। दो पतारा के है। ककरहिया गांव निवासी कमल किशोर, कोरथा गांव निवासी मौजीलाल, बरटेवाल के रंजन लाल, मऊनखन के अमित पुष्कर, समोई गांव निवासी सुकुर्तिन देवी, समेत कुल सात किसानों को लाभ ले चुके है। सभी सातों किसान जल संरक्षण के साथ अपने उस तालाब में मछली पान भी कर रहें है। जिसका उन्हें पूरा लाभ मिल रहा है।