कौशांबी, 6 अप्रैल । कड़ा धाम स्थित फसइया मैदान में 3 दिवसीय महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होने हैं। जिसमे मुख्य कार्यक्रम कथा मर्मज्ञ डॉ कुमार विश्वास का राम कथा होने वाला है। कार्यक्रम का नाम अपने अपने राम दिया गया है। राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा के सांसद व राष्ट्रीय मंत्री विनोद सोनकर कार्यक्रम के जरिये समाज के शोषित वंचित एवं दलित वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में करने की तैयारी में हैं।
कौशांबी की सियासी जमीन की बात करें तो जनपद का गठन 04 अप्रैल 1997 यानि 26 साल पहले प्रदेश की कम समय के लिए बनी बसपा सरकार की मुखिया मायावती ने किया था। बसपा के सत्ता से बाहर होते ही तत्कालीन सपा सरकार के मुख्यमंत्री स्व मुलायम सिंह यादव ने जिले का दर्जा खत्म कर कौशांबी को पुनः इलाहाबाद (प्रयागराज) में शामिल कर दिया। हालाकि कौशांबी को जनपद होने का गौरव सपा सरकार के निर्णय को पलट कर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में दे दिया। जिसके बाद से जनपद की 18 लाख की आबादी को सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक गति मिलनी शुरू हो गई। कौशांबी की प्रशासनिक व राजनैतिक स्थिति 3 तहसील एवं विधानसभा के अतिरिक्त एक लोकसभा सीट जनता की नुमाइंदगी को तय करती है।
राजनैतिक उठापटक में 26 साल के बीच कौशांबी दलित बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते बहुजन समाज पार्टी का अभेद्य किला डेढ़ दशक तक बना रहा। हालांकि लोकसभा सीट सपा के कब्जे में रही। साल 2014 के बाद से पीएम मोदी की लहर में जिला भाजपा मय हो गया। जिसमे संसदीय सीट पर बीजेपी के विनोद सोनकर 2 बार से लगातार सांसद हैं।
बसपा के गढ़ में भाजपा का कमल खिलाने वाले सांसद विनोद सोनकर को पार्टी ने इसका बड़ा इनाम दिया। उन्हें पिछले कार्यकाल में पार्टी के अनुसूचित मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना कर दलित वोट बैक को साधने की कवायद की गई। दूसरी पारी में जीत हासिल करते ही पार्टी ने कौशांबी सांसद विनोद सोनकर को पार्टी मे राष्ट्रीय मंत्री बना कर उनका कद बढ़ा दिया। मौजूदा समय में दलित सियासत का चेहरा बना कर एमपी विनोद सोनकर को प्रदेश प्रभारी दादर नगर हवेली एवं दमन दीप बनाया है।
एमपी विनोद सोनकर पार्टी का दलित चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में 3 साल से बंद पड़े कौशांबी महोत्सव के जरिये पार्टी लोकसभा 2024 में दलित शोषित एवं वंचितों का समागम कराकर सियासी लाभ बटोरना चाहती है। महोत्सव के कार्यक्रम की रूप रेखा भी कुछ इसी ओर इशारा करती नज़र आती है।
भाजपा मय कार्यक्रम के पहले भी होने वाले सांस्कृतिक रामकथा के दौरान डॉ कुमार विश्वास भी राम कथा के जरिये अपने अपने राम की व्याख्या करते दिखाई पड़ने वाले हैं। कार्यक्रम के आयोजक एमपी विनोद सोनकर ने बताया कि राम कथा का मकसद राम के सर्वव्यापी चरित्र को जन-मानस के सामने लाना है। जिसमे डॉ कुमार विश्वास रामकथा के जरिये मर्यादा पुरुषोत्तम राम के उस रूप की महिमा का गुणगान करेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम में 551 जोड़ों का सामूहिक विवाह एवं अंतिम दिन 2000 दिव्यांग जनों को उपकरण का निःशुल्क वितरण किया जाएगा।